दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक लागू होगा ऑड-ईवन
दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक लागू होगा ऑड-ईवन
नयी दिल्ली, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनज़र राजधानी में 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक की जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि संभावना जताई जा रही है कि दीपावली के बाद दिल्ली में प्रदूषण और बढ़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन फार्मूला लागू किया जाएगा। दीपावली के अगले दिन से एक सप्ताह तक ऑड-ईवन लागू रहेगा। एक सप्ताह बाद प्रदूषण की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करके ऑड-ईवन को लेकर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 30 अक्टूबर से प्रदूषण के स्तर में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। वैज्ञानिकों और मौसम विभाग के विश्लेषण के अनुसार दिल्ली के अंदर प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण तापमान का लगातार गिरना और हवा की गति बहुत कम होना है। गत 30 अक्टूबर को दिल्ली में एक्यूआई 347 था। इसके बाद 31 अक्टूबर को 359, एक नवंबर 364, दो नवंबर को 392, तीन नवंबर को 468, चार नवंबर को 415 था। इसके बाद पांच नवंबर को बढ़कर 454 हो गया और सोमवार को एक्यूआई 436 है, जो बीच में बढ़कर 468 तक चला गया था।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने अभियान चलाकर पाल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट को चेक किया है। पीयूसी का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। ग्रैप 1, 2 और 3 के दौरान वाहनों के 28471 चालान किए गए हैं, जिससे कि दिल्ली में प्रदूषण पैदा करने वाली वाहनों पर नियंत्रण किया जा सके। इसी तरह, दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन के तहत 12769 निर्माण साइटों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इसमें से 324 जगहों पर नियमों का उल्लंघन पाया गया और करीब 74 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध है। पिछली बार हमने देखा था कि प्रतिबंध के बाद भी कई जगहों पर पटाखे छोड़े गए। इसके मद्देनजर पुलिस को अपनी टीमों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकारों से अनुरोध करते हुए कहा कि अपने राज्यों में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाएं और निगरानी करें, ताकि प्रदूषण की मौजूदा स्थिति को और खतरनाक स्थिति में जाने से रोका जा सके।