राज्य सभा में शून्यकाल में भी विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, राज्य सभा की कार्यवाही सोमवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण भोजनावकाश से पहले दूसरी बार दो बजे तक स्थगित की गयी और प्रश्नकाल में भी कोई काम नहीं हो सका। प्रश्नकाल शुरू होते ही कुछ विपक्षी दलों ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए शोर-गुल शुरू कर दिया था।

मानूसन सत्र के पहले सप्ताह राज्य सभा का अधिकांश समय पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था।

मानूसन सत्र के दूसरे सप्ताह आज सुबह शून्य काल में कार्यवाही के बाधित होने के बाद 12 बजे सदन समवेत होते ही विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य अपनी जगह खड़े हो गये और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए हंगामा शुरू कर दिया।

पीठासीन उपाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने हंगामा कर रहे सदस्यों कहा कि यह प्रश्नकाल है, प्रश्नकाल के विषयों के लिए है।
पीठासीन उपसभापति ने शोरशराबे के बीच कांग्रेस के मुकुल वासनिक को नागर विमान मंत्रालय से संबंधित सवाल पूछने के लिए पुकारा। कांग्रेस सदस्य ने पहले तो कहा कि सदन में व्यवस्थित नहीं है, साथ ही उन्होंने हाल में विमान हादसे और कुछ उड़ानों में तकनीकी खराबियों की खबरों पर विमान यात्रियों में व्यप्त कथित भय का मुद्दा उठाना चाहा।

श्री तिवाड़ी ने नगर विमानन मंत्री राममोहन नायडू से प्रश्न का जवाब देने को कहा। इस पर मंत्री ने कहा कि सदस्य पूरक प्रश्न करें तो ही वह उत्तर दे सकेंगे। श्री वासनिक ने कुछ कहना चाहा, लेकिन इस दौरान सदन में शोरशराबा तेज हो गया और विपक्ष के कुछ सदस्य व्यवस्था का कोई प्रश्न उठाने लगे जो शोरशराबे में स्पष्ट नहीं हो सका।

पीठासीन उपसभापित ने कहा कि प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न उठाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने सदन में व्यवस्था बनाये रखने की अपील के बावजूद शोरशराबा बंद न होने के कारण दो-तीन मिनट में ही सदन को दो बजे तक स्थगित कर दिया।

इससे पहले सुबह अन्नाद्रुमक के एम धनपाल और आईएस इनबादुरै को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलायी। दोनों सदस्य उच्च सदन में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने तमिल भाषा में शपथ ली। उसके बाद विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों की आरे से हंगामे के चलते उप सभापति हरिवंश ने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।

श्री हरिवंश ने तमिलनाडु से नवनिर्वाचित दोनों सांसदों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाये जाने तथा विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सदस्यों को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के 26 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक, आम आदमी पार्टी के संदीप पाठक, कांग्रेस की रंजीत रंजन और रजनी पाटिल, द्रमुक के तिरूचि शिवा और तृणमूल कांग्रेस के ही साकेत गोखले तथा अन्य सदस्यों ने सभी विधायी कामकाज रोककर बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है।

तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष और डोला सेना तथा अन्य सदस्यों ने बंगाली आव्रजकों के साथ दूसरे राज्यों में हो रहे भेदभाव के मुद्दे जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष पी और वी शिवादासन आदि ने छत्तीसगढ में दो नन की गिरफ्तारी से संबंधित मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया है।

उन्होंने कहा कि ये सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। उनके इतना कहते ही विपक्षी दलोंं के सदस्य अपनी जगहों से उठकर आसन के निकट आ गये तथा नारेबाजी करने लगे।
उप सभापति ने शोरगुल के बीच ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करते हुए मनोनीत सुधा मूर्ति को अपना विषय रखने का कहा। इस पर विपक्षी सदस्यों ने शोर शराबा तेज कर दिया।

उप सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। बार-बार की अपील के बावजूद हंगामा बंद न होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

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