PM मोदी ने पुलिस से रणनीतिक, सतर्क व विश्वसनीय बनने का किया आह्वान
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलिस से ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ को आगे बढाते हुए रणनीतिक, सतर्क, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार श्री मोदी ने शनिवार और रविवार को लगातार दो दिन भुवनेश्वर में पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया।
समापन सत्र में प्रधानमंत्री ने गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक वितरित किए। उन्होंने समापन भाषण में डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर-अपराध और कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी ए आई तकनीक के कारण उत्पन्न संभावित खतरों विशेष रूप से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को बाधित करने के लिए डीप फेक की क्षमता पर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसके जवाब में पुलिस नेतृत्व से देश की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ‘एस्पिरेशनल इंडिया’ की दोहरी एआई शक्ति का उपयोग करके चुनौती को अवसर में बदलने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस से रणनीतिक, सतर्क, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया। शहरी पुलिसिंग में की गई पहल की सराहना करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को एकत्रित करके देश के 100 शहरों में पूरी तरह से लागू किया जाए। उन्होंने कांस्टेबल के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया और सुझाव दिया कि पुलिस स्टेशन को संसाधन आवंटन के लिए केंद्र बिंदु बनाया जाना चाहिए।
कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान में हैकथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस हैकथॉन आयोजित करने पर भी विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया। उन्होंने बंदरगाह सुरक्षा पर ध्यान बढ़ाने और इसके लिए भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
गृह मंत्रालय में सरदार वल्लभभाई पटेल के अद्वितीय योगदान को याद करते हुए, प्रधान मंत्री ने गृह मंत्रालय से लेकर पुलिस स्टेशन स्तर तक पूरे सुरक्षा प्रतिष्ठान को किसी भी पहलू पर एक लक्ष्य निर्धारित करने और प्राप्त करने का संकल्प लेकर अगले वर्ष उनकी 150 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का आह्वान किया। इससे पुलिस की छवि, व्यावसायिकता और क्षमताओं में सुधार होगा। उन्होंने पुलिस से आधुनिकीकरण करने और खुद को ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप ढालने का आग्रह किया।
सम्मेलन के दौरान, आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर-अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आप्रवासन, तटीय सुरक्षा और नार्को-तस्करी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई। बांग्लादेश और म्यांमार के साथ सीमा पर उभरती सुरक्षा चिंताओं, शहरी पुलिसिंग के रुझान और दुर्भावनापूर्ण आख्यानों का मुकाबला करने की रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा, नव अधिनियमित प्रमुख आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन, पुलिसिंग में पहल और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ-साथ पड़ोस में सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने कार्यवाही के दौरान बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की और भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार किया।
सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव भी शामिल हुए। हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित इस सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के महानिदेशकों,आईजीएसपी और सीएपीएफ, सीपीओ के प्रमुखों ने शारीरिक रूप से और सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से विभिन्न रैंकों के 750 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।