उत्तर प्रदेश में कृषि नवाचारों का प्रदर्शन करेगा एग्रोटेक इंडिया

लखनऊ, अपनी उपजाऊ भूमि और जड़ों से जुडी कृषि परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एग्रोटेक इंडिया- कृषि भारत के 16वें संस्करण की मेजबानी करने के लिए तैयार है।

यह चार दिवसीय आयोजन 15 से 18 नवंबर, 2024 तक वृंदावन योजना पार्क, लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे और इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी उपस्थित रहेंगे।

प्रदेश की कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने गुरुवार को कहा, “अपनी समृद्ध कृषि विरासत और व्यापक विकास क्षमता के साथ, उत्तर प्रदेश सीआईआई एग्रो टेक इंडिया – कृषि भारत के माध्यम से कृषि के भविष्य को अपनाने के लिए तैयार है। यह आयोजन हमारी राज्य की गहरी जड़ों वाली कृषि परंपराओं और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को जोड़ने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम है। यह आधुनिक तकनीकों और नवीन कृषि पद्धतियों को अपनाने की हमारी प्रतिबद्धता के साथ मेल खाता है, जो किसानों को सशक्त बनाने की हमारी दृष्टि का समर्थन करता है।”

श्रीमती गर्ग ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश की कृषि परंपरा में रची-बसी है, लेकिन परिवर्तन के लिए तैयार है। हम उनके तरीकों को आधुनिक बनाने और कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं, जिससे भारत के सबसे जीवंत कृषि परिदृश्यों में से एक के लिए एक स्थायी और टिकाऊ भविष्य बन सके। हमारे पास संसाधनों की बहुतायत है, विविध फसलों की संभावनाएं हैं, और एक मजबूत किसान समुदाय है। हमारा ध्यान उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ हमारी भूमि और संसाधनों को संरक्षित करते हुए टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने पर है।”

उन्होंने कहा, “कृषि क्षेत्र में नवीनतम प्रगति के बारे में किसानों को शिक्षित करना और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ना हमारी जिम्मेदारी है। सरकार किसानों को सब्सिडी देने का हर संभव प्रयास कर रही है। उदाहरण के लिए, यदि फार्म मशीनरी बैंक में कृषि उपकरणों की लागत 10 लाख रुपये है, तो 80 फीसदी सब्सिडी उपलब्ध है। कृषि भारत में देश-विदेश से कंपनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी। हमने इस आयोजन में अधिक से अधिक किसान सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए कृषि संस्थानों और स्कूलों से संपर्क किया है। यदि किसान गेहूं और चावल जैसे पारंपरिक फसलों से आगे सोचें और अन्य विकल्पों का पता लगाएं, तो उन्हें और अधिक लाभ मिल सकता है।”

डीएपी उर्वरक पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है, हालांकि कुछ अंतरराष्ट्रीय कारणों से आपूर्ति सीमित रही है। इस वर्ष, हमने पिछले नवंबर की तुलना में अधिक उर्वरक उपलब्ध कराए हैं। कृषि विभाग ने हाल ही में एक सरकारी आदेश जारी किया है, जो सहकारी समितियों के माध्यम से उर्वरकों की उपलब्धता को बढ़ाएगा। अब इन सहकारी समितियों को लगभग 30 प्रतिशत अधिक उर्वरक उपलब्ध होगा, जिससे आपूर्ति की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।”

कृषि के प्रधान सचिव रविंद्र कुमार ने कहा, “नीदरलैंड के उपमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन समारोह में उपस्थित होंगे। पिछले चार वर्षों में, उत्तर प्रदेश ने 50 मिलियन टन दूध का उत्पादन करके देश का नंबर एक राज्य बन गया है। हमें किसानों को प्रौद्योगिकी पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।”

सीआईआई उत्तर प्रदेश की चेयरपर्सन और पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सीएफओ एवं निदेशक, श्रीमती स्मिता अग्रवाल ने कहा, “सीआईआई एग्रो टेक इंडिया कृषि भारत जैसे आयोजनों के माध्यम से, हम कृषि समुदाय को सशक्त बनाने के लिए नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने वाले प्रभावशाली मंच बनाने का लक्ष्य रखते हैं। इस प्रयास में उत्तर प्रदेश के विशाल कृषि क्षमता के लिए आदर्श पृष्ठभूमि प्रदान करता है। हम इस आयोजन की मेजबानी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं, जो हमारे टिकाऊ खेती पद्धतियों को बढ़ावा देने और राज्य के किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ मेल खाता है।”

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